अंबेडकर जयंती पर पहलीबार हुआ आरक्षण का विरोध

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ट्वीटर पर टॉप थ्री में ट्रेंड कर रहा था विरोध का हैशटेग

नई दिल्ली

संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 130वीं जयंती देश में गरिमा और उत्साह के साथ मनाई गई। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से लेकर तो स्थानीय नेताओं ने तक इस अवसर उन्हें शृद्धांजलि दी और उनकी शिक्षाओं को याद किया। प्रधानमंत्री मोदी ने तो ज्योतिबा फुले की जयंती से अंबेडकर जयंती तक टीका उत्सव के आयोजन की घोषणा भी की थी।

टॉप ट्रेंड कर रहा था हैशटैग

लेकिन पहली बार अंबेडकर जयंती पर आरक्षण के विरोध में ट्वीट किए गए। हाल ये था कि #BlackDay और #मूर्ख_दिवस के नाम पर आरक्षण का विरोध किया गया । इन दोनों हैश टैग के साथ हजारों ट्वीट किए गए। हालांकि राहत की बात यह रही कि इससे सोशल मीडिया पर कोई अप्रिय स्थिति नहीं बनी। क्योंकि ट्वीट में सीधे डॉ. अंबेडकर को निशाना नहीं बनाया गया। हालांकि ट्वीटर पर सवाल जवाब जरुर हुए।

पटना के एक यूजर अमित कुमार ने इस हैशटैग के साथ ट्वीट किया और लिखा कि वे आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं लेकिन आरक्षण उन्हें मिलना चाहिए जिसे इसकी आवश्यकता है। इस मामले में उन्होने आईएएस पिता औऱ स्कूल प्रिंसीपल का क्लिप आर्ट पोस्ट किया। जिनके बच्चे भी आरक्षित वर्ग से नौकरियां पा रहे हैं।

यंग मूव्स इंडिया नाम के ट्वीटर आईडी से भी इस हैश टैग के साथ ट्वीट किया गया। हालांकि इस ट्वीट में डॉ. अंबेड़कर को आरएसएस के करीब दिखाने की कोशिश की गई है।

एक और ट्वीटर यूजर सौरव चटर्जी ने भी लगातार इन दोनों हैैशटैग पर ट्वीट किए। उन्होंने आरक्षण के विरोध में हुए एक प्रदर्शन के फोटो को भी ट्वीट किया। जिसमें प्रदर्शनकारी आरक्षण के विरोध में प्लेकार्ड लिए हुए थे।

इसके अलावा इस हैश टैग के साथ ही कई मीम्स भी पोस्ट किए गए और आरक्षण पर कटाक्ष भी किए गए। कुछ लोगों ने आज ही महान गणितज्ञ आर्यभट्‌ट की जयंती भी मनाई। आयुष ठाकुर नामक यूजर ने आर्यभट्‌ट और डॉ. अंबेड़कर के फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि

ऐसा नहीं है कि इस हैशटैग पर किसी ने जवाब न दिया हो। दिलीप मंडल ने इस हैशटैग के साथ पोस्ट किए गए मीम्स और फोटो को ट्वीट किया। उन्होंने इस हैश टैग के लिए आईटी सेल को भी जिम्मेदार ठहराया।

कुल मिलाकर इस तरह से अंबेडकर जयंती पर ट्वीट्स की राजनीति चलती रही।

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