छात्रों की परीक्षा फीस पीएम केयर फंड से जमा करने की सुप्रीम कोर्ट से मांंग
एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में की अपील
कोरोना काल को देखते हुए सीबीएसई के दसवी और बारहवीं के छात्रों की फीस माफ किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली के एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। इसमें कहा गया है कि कोरोना काल में स्टूडेंट्स के पैरेंट्स आर्थिक परेशानी झेल रहे हैं । ऐसे में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के स्टूडेंट्स की परीक्षा फीस माफ की जानी चाहिए। याचिका में फीस माफी के विकल्प के तौर पर सुझाव दिया गया है कि परीक्षा फीस का भुगतान पीएम केयर फंड से भी किया जा सकता है।
सोशल ज्यूरिस्ट नाम के इस एनजीओ ने इस अपील को दिल्ली उच्च न्यायालय के 28 सितंबर के उस आदेश के बाद फाइल की है, जिसमें दिल्ली सरकार और सीबीएसई को फीस के संबंध में दायर की गई याचिका को मांग के रूप में लेते हुए इस पर नियमानुसार निर्णय लेने को कहा गया है। इसके लिए उच्च न्यायालय ने तीस सप्ताह की समय सीमा तय की है। इसके बाद सोशल ज्यूरिस्ट ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है।
इसमें कहा गया है कि दिल्ली उच्च न्यायालय का आदेश देश के तीस लाख छात्रों को राहत देने से इंकार ही है। इनमें से तीन लाख स्टूडेंट्स तो अकेले दिल्ली के हैं। याचिकाकर्ता के वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि हमारी मांग है कि सीबीएसई से कहा जाए कि वे इस सत्र के लिए स्टूडेंट्स की एक्जाम फीस माफ करें या फिर केंद्र सरकार से कहा जाए कि वे इस फीस का भुगतान पीएम केयर फंड से करेें। इसी तरह से दिल्ली के स्टूडेंट्स के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार से फीस भुगतान के लिए कहा जाना चाहिए।
कितनी है सीबीएसई की एक्जाम फीस
10वीं और 12वीं के लिए सीबीएसई की एक्जाम फीस 2018-19 तक नाम मात्र की थी। इसके बाद सीबीएसई ने इसमें बढ़ोतरी की और 2019-20 में 10वीं की परीक्षा फीस 1550-1800 के बीच हो गई है तथा 12 वी के लिए 1500-2400 के बीच है। फीस स्टूडेंट्स के विषय और प्रायोगिक परीक्षा आदि पर निर्भर करती है। अपील में कहा गया है कि पिछले सत्र में दिल्ली के स्टूडेंट्स की एक्जाम फीस दिल्ली सरकार ने चुकाई थी लेकिन इस वर्ष उन्होंने ऐसा करने से इंकार कर दिया है।