प्रशांत किशोर हो सकते हैं कांग्रेस में शामिल
कांग्रेस की बैठक में राहुल गांधी ने नेताओं से मांगी राय, सभी ने किया स्वागत
नई दिल्ली
चुनाव रणनीतिकार प्रंशात किशोर यानी पीके के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें गर्म हैं। कहा जा रहा है कि इस मामले में कांग्रसे नेता राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेताओं से राय भी ली है। बताया जा रहा है कि सभी ने इस मामले में अपनी सहमति दी है। जिस हिसाब से राहुल गांधी ने इस मामले में वरिष्ठ नेताओं से राय ली है, उसे देखकर लग रहा है कि पीके किसी महत्वपूर्ण भूमिका के साथ पार्टी में शामिल किए जा सकते हैं।
कुछ समय पहले पीके ने राहुल और प्रियंका से मुलाकात की थी और उन्हें कांग्रेस को पुर्नजीवित करने के लिए एक योजना भी दी थी। उस समय कहा गया था कि पीके भाजपा के खिलाफ एक विपक्षी गठबंधन बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं और इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि भाजपा के खिलाफ कोई भी गठबंधन कांग्रेस के बिना नहीं बन सकता है।
22 को राहुल ने की रायशुमारी
हालांकि अब तक इस मामले में न तो पार्टी और न ही प्रशांत किशोर ऑन रिकॉर्ड कुछ कहा है। सूत्रों से मिली जानकाकी के अनुसार इस मुद्दे पर 22 जुलाई को राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में चर्चा की गई थी और इसमें एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल, कमलनाथ और अंबिका सोनी सहित पार्टी के लगभग आधा दर्जन से अधिक प्रमुख नेताओं ने भाग लिया था।
बैठक यह जानने के लिए थी कि प्रशांत किशोर के उन सुझावों के बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता क्या सोचते हैं , जो पिछले साल कोरोना महामारी की शुरुआत से ठीक पहले पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को दिए गए थे। बताया गया है कि राहुल गांधी अगले कुछ दिनों में इस पर अंतिम निर्णय लेने वाले हैं, हालांकि, उससे पहले वह पार्टी के नेताओं से परामर्श चाहते हैं।
बैठक में उपस्थित लोगों से पूछा गया कि प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने के बारे में उन्हें कैसा लग रहा है तो ज्यादातर लोगों ने इससे सहमति जताई।हालांकि इस बैठक पर कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। यहां तक कि बैठक में शामिल एके एंटनी जैसे नेता भी इस बारे में ऑन रिकॉर्ड अभी कुछ नहीं बोल रहे हैं।
पीके ने खुद किया संपर्क
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पीके ने खुद ही पार्टी से संपर्क किया है। वे भाजपा के खिलाफ देश में संभावित मोर्चे की चर्चा के लिए मिलने आए थे। इसके साथ ही कांग्रेस नेता उनके इस बयान से भी गदगद हैं जिनमें उन्होंने कहां था कि उन्हें नहीं लगता कि कोई तीसरा या चौथा मोर्चा बिना कांग्रेस को शामिल किए नरेंद्र मोदी को हरा सकता है।
बताया गया है कि प्रशांत किशोर ने ये भी कहा है कि राहुल गांधी को नए कांग्रेस संसदीय बोर्ड का नेतृत्व करना चाहिए। कांग्रेस के जी-23 समूह ने भी इसकी मांग की थी। माना जाता है कि पार्टी में बदलाव के सुझावों के अलावा, प्रशांत किशोर की योजनाओं में भाजपा के खिलाफ एक संभावित संयुक्त मोर्चा बनाने का विवरण भी शामिल है, जिसकी शुरुआत 2022 के राष्ट्रपति चुनावों में एक आम विपक्षी उम्मीदवार को स्वीकार करने के साथ हो सकती है।
सितंबर 2018 में प्रशांत किशोर नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए थे। हालांकि, फरवरी 2020 में जदयू से नाता तोड़ने से पहले उन्होंने 2015 के बिहार चुनावों में पार्टी उपाध्यक्ष के रूप में काम किया था और चुनावी रणनीति बनाई थी। बाद में नीतिश के साथ मतभेद होने पर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी।
Pk agar koi bhi party join nahi kar ki chunav rannitikar ra hi to sahi ho ga