3rd December 2024

एबीवीपी के विरोध के बाद हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय वेबिनार के 2 घंटे पहले हुआ बाहर

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अपूर्वानंद और गौहर रजा के सेमिनार में होने के चलते एबीवीपी कर रही थी विरोध

सागर

मध्य प्रदेश के सागर जिले में डॉ हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय के एंथ्रोपोलॉजी विभाग ने शुक्रवार को एक अंतरराष्ट्रीय वेबिनार से अंतिम पलों में अपना नाम वापस ले लिया। विश्वविद्यालय ने छात्र संगठन ABVP के विरोध में अपने कदम पीछे किए। एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) ने वेबिनार में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और वैज्ञानिक गौहर रजा के शामिल होने पर आपत्ति जताई थी। एबीवीपी ने इस मामले को लेकर एसपी सिटी सागर को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें दोनों वक्ताओं को देशद्रोही बताया गया था। इसके बाद शुरु हुए हंगामे को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने इस वेबिनार से अपना नाम वापस ले लिया।

छात्र संगठन की शिकायत के बाद 29 जुलाई को एसपी सागर अतुल सिंह ने  विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर जेडी अही को वेबिनार के कारण जिले की कानून व्यवस्था बिगड़ने को लेकर आगाह किया था। इस चिट्ठी में साफ किया गया था कि अगर वेबिनार के कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा होती है तो ऑर्गनाइजर के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।एसपी द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया कि वेबिनार में शामिल होने वाले वक्ताओं का इतिहास राष्ट्र विरोधी व जाति संघर्ष बयानों वाला रहा है।

ऐसे में इस संदेह से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वह बहुसंख्यक समुदाय की संस्कृति, परंपरा और धार्मिक प्रथाओं के खिलाफ टिप्पणी करेंगे, जिसका प्रभाव सामाजिक सद्भाव पर पड़ेगा। उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा कि सामाजिक सद्भाव पर विचार करते हुए, वेबिनार के आयोजन से पहले एक आम सहमति बनानी चाहिए कि जिन विषयों पर विचारों को व्यक्त किया जाएंगे, उससे किसी धर्म, जाति या क्षेत्र के लोग आहत नहीं होंगे।

आपकी जानकारी के लिए बता दें किइस दो दिवसीय वेबिनार की शुरुआत 30 जुलाई को होनी थी। विश्वविद्यालय के एंथ्रोपोलॉजी विभाग द्वारा Cultural and Linguistic hurdles in the achievement of scientific temper विषय पर यूएसए मोंटक्लेयर स्टेट यूनिवर्सिटी की मदद से इस वेबिनार का आयोजन किया जा रहा था।

एसपी की ओर से मिले लेटर के बाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार संतोष सोहगौरा ने 30 जुलाई को हेड डिपार्टमेंट ऑफ एंथ्रोपोलॉजी और वेबिनार के संयोजक को चिट्ठी लिखकर वेबिनार नहीं करने को कहा। उन्होंने अपने पत्र में मंत्रालय द्वारा अनुमति नहीं मिलने की बात कही है।

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