अयोध्या में मस्जिद के लिए दी गई जमीन पर हिन्दू परिवार ने किया दावा
मामला कोर्ट पहुंचा, दो बहनों ने किया है दावा
अयोध्या
अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए दी गई पांच एकड़ जमीन पर एक हिन्दू परिवार ने दावा किया है। परिवार का कहना है कि यह जमीन उनकी है। अदालत अपनी निगरानी में इस जमीन की नपती करा ले, यदि ये जमीन उनकी नहीं निकली तो वे मस्जिद के लिए अपनी जमीन में से पांच एकड़ भूमि और देंगी। ये दोनों बहने दिल्ली में रहती हैं और उन्होंने लखनऊ उच्च न्यायालय में इस मामले को लेकर याचिका लगाई है।
बड़ी बहन रमा रानी पंजाबी (59) दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके की ओल्ड गुप्ता कॉलोनी में रहती हैं, जबकि छोटी बहन रानी कपूर पंजाबी उर्फ रानी बलूजा (51) शालीमाग बाग स्थित एनडीपीएल कॉलोनी में रहती हैं और एक कंपनी में जॉब करती हैं।
दोनों बहनों का दावा है कि स्थानीय प्रशासन ने उनसे अनुमति लिए बिना उनकी जमीन मस्जिद के लिए अलॉट कर दी। इसी वजह से उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। अब इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में 8 फरवरी को उनकी याचिका पर सुनवाई होनी है।
लखनऊ उच्च न्यायालय में आठ फरवरी को इस मामले में सुनवाई होगी।
पाकिस्तान से आए परिवार सरकार ने दी थी जमीन
उनका दावा है कि विभाजन के समय उनके पिता ज्ञानचंद पंजाबी परिवार समेत लाहौर से भारत आए थे और 1948-49 के आस-पास उन्हें फैजाबाद के पास शेरपुर जाफर धन्नीपुर गांव में 29 एकड़ जमीन अलॉट की थी। लखनऊ-गोरखुपर हाइवे से सटी इस जमीन के कुछ हिस्से पर एक पुलिस थाना, कोल्ड स्टोरेज और एक पशु चिकित्सालय बनाए जाने को लेकर भी इन बहनों ने आपत्ति जताते हुए केस दाखिल किए हुए हैं।
प्रशासन ने गलत बताया दावा
वहीं जिसा प्रशासन का कहना है कि अयोध्या में मस्जिद के लिए दी गई 5 एकड़ जमीन विवादित नहीं है। चकबंदी विभाग के बंदोबस्त अधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने शुक्रवार को सबूत पेश कर बयान जारी किया है कि जिस विवाद का जिक्र दिल्ली की दो बहनें कर रही हैं वह धन्नीपुर का न होकर शेरपुर जाफर यानी दूसरे गांव की है।
पांडेय ने कहा कि याचिका को लेकर साक्ष्य के दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं जिसे कोर्ट में सुनवाई की तारीख पर प्रस्तुत कर दिया जाएगा। बता दें कि धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद की जमीन पर दिल्ली की दो बहनों ने मालिकाना हक का दावा किया है।