मुस्लिम लीग का ‘तालिबानी’ अवतार यौन उत्पीडन के आरोप लगाने वाली छात्राओं को किया बाहर, आरोपियों का समर्थन
छात्र इकाई के अध्यक्ष के विरुद्ध लगे हैं आरोप, पुलिस ने किया है गिरफ्तार, फिर भी पार्टी कर रही समर्थन
तिरुवनंतपुरम
ऐसा नहीं है कि महिलाओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार केवल तालिबानी करते हैं। केरल की प्रमुख राजनीतिक पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग भी इस मामले में उनसे पीछे नहीं है। पार्टी ने पुरुष नेताओं पर यौन उत्पीडन के आरोप लगाने वाली छात्राओं को तो पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया लेकिन वो इस मामले में जेल गए छात्र नेताओं के समर्थन में खड़ी है। कुल मिलाकर यह तालिबानी व्यवस्था केरल के एक राजनीतिक दल में चल रही है।
मुस्लिम लीग ने केवल अपनी छात्रा इकाई हरिथा को इन आरोपोंके बाद भंग कर दिया था। अब पार्टी ने इन आरोप लगाने वाली लड़कियों का समर्थन करने वाली अपने छात्र संगठन मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को भी पद से हटा दिया है। इतना ही नहीं जिन छात्र नेताओं पर इन छात्राओं ने आरोप लगाया था, मुस्लिम लीग ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
ये था मामला
जून में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के छात्र संगठन एमएसएफ की महिला इकाई हरिथा की नेताओं ने उनके तीन सहकर्मियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर हरिथा ने राज्य महिला आयोग का रुख़ किया, जिसके बाद पार्टी ने शिकायत वापस न लेने पर ‘अनुशासनहीनता’ का आरोप लगाते हुए हरिथा की राज्य समिति को भंग कर दिया था।
एमएसएफ की उपाध्यक्ष फातिमा ताहिलिया ने उन महिला नेताओं का समर्थन किया था, जिन्होंने संगठन में पुरुष नेताओं पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। सोमवार को मुस्लिम लीग ने फातिमा को भी अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर पद से हटा दिया है। फातिमा को 2016 में उपाध्यक्ष बनाया गया था। वे लगातार इन छात्राओं का समर्थन कर रहीं थीं।
छात्र इकाई के अध्यक्ष पर भी यौन शोषण के आरोप
आईयूएमल के महासचिव पीएम ए. सलाम ने सोमवार को कहा कि फातिमा को अनुशासनहीनता के आरोप में पद से हटा दिया गया है। छात्राओं ने जिन तीन नेताओं पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं, उनमें मुस्लिम लीग की छात्र इकाई का अध्यक्ष पीके नवास भी शामिल है।
महिलाओं ने आरोप लगाया था कि इस साल जून में एमएसएफ की राज्य समिति की बैठक के दौरान नवास और एमएसएफ के दो अन्य नेताओं ने कथित तौर पर हरिथा की महिला नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस मामले को आईयूएमल नेतृत्व के संज्ञान में लाया गया।
माफी पर पुरुष नेताओं का माफ किया
हरिथा नेताओं द्वारा राज्य के महिला आयोग में शिकायत करने पर आईयूएमएल ने समझौता फॉर्मूला के तहत महिलाओं से इस शिकायत को वापस लेने को कहा था। महिला नेताओं द्वारा शिकायत वापस लेने से इनकार करने के बाद आईयूएमएल ने हरिथा समिति को भंग कर दिया और पार्टी नेतृत्व के प्रति वफादार लोगों के साथ एक नई समिति का गठन किया।
वहीं, कबालाई तरह के निर्णय में आरोपी एमएसएफ पुरुष नेताओं से सोशल मीडिया पर माफीनामा पोस्ट कर पद पर बने रहने को कहा गया। पिछले सप्ताह अध्यक्ष नवास को उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार किया गया था लेकिन इसके बाद भी मुस्लिम लीग उनके साथ खड़ी रही।
बता दें कि जब आईयूएमएल ने हरिथा सदस्यों की नई सूची जारी की थी, उस समय फातिमा ने नाराजगी जताते हुए कहा था, ‘इस मामले को दोबारा आईयूएमएल के भीतर उठाया जाएगा। मैं हरिथा नेताओं का समर्थन करना जारी रखूंगी, जब तक कि उन्हें न्याय नहीं मिल जाए। ’