मीडिया ने संघ के साथ भी खेल करने की कोशिश की?
सूत्रों के हवाले से खुद ही कर दिया इंद्रेश कुमार के बयान का खंडन !
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य और प्रचारक इंद्रेश कुमार ने राजस्थान में एक समारोह में बोलते हुए जो कुछ कहा वो देश की राजनीति में भूचाल लाने के लिए काफी था। उन्होंने भाजपा का नाम लिए बिना उसे अहंकारी बता दिया और यहां तक कह दिया कि उनको 241 सीट रामजी की नाराजगी के चलते मिली हैं। इसे संघ प्रमुख के नागपुर में दिए गए बयान का विस्तार माना गया। लेकिन इसके साथ ही जो घटना मीडिया में हुई, वो उससे भी ज्यादा हैरान करने वाली है। कुछ खास मीडिया हाउस ने एक साथ एक जैसे वाक्य में सूत्रों के आधार पर संघ द्वारा इंद्रेश कुमार के बयान के उनकी निजी राय बताने की कहानी चला दी।
इंद्रेश कुमार संघ के राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का काम भी देखते हैं। उन्होंने जयपुर में एक आयोजन में बोलते हुए कहा कि भगवान राम ने उनके 241 पर ही रोक दिया जो अहंकारी हो गए थे। इसके बाद भाजपा अचानक से बैकफुट पर आ गई। लेकिन इसके घंटों बाद ही देश के कुछ मीडिया हॉउस ने अपना खेल शुरू किया इन्होंने एक खबर चलाई कि अब संघ के सूत्रों का कहना है कि इंद्रेश कुमार का बयान RSS का ‘ऑफिशियल’ स्टेटमेंट नहीं है, यह उनकी निजी राय है। बिना किसी कामा और बिंदी के हेर फेर के इन सभी मीडिया हाउस ने ठीक उसी तरह से चलाना शुरु किया जैसे कि आईटी सेल किसी हैशटेग को चलाने के लिए एक जैसे मैसेज भेजती है और फिर वे पोस्ट किए जाते है।
उधर संघ ने अधिकारिक रूप से न तो इस बयान को लेकर कुछ भी नहीं कहा। संघ के अधिकारिक सोशल मीडिया एकाउंट पर और अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख और प्रवक्ता की ओर से भी कोई स्टेटमेंट जारी नहीं किया गया। संघ ने तो इस बयान को स्वीकार किया और न ही अस्वीकार किया ।
क्यों उठ रहे सवाल?
संघ सूत्रों के हवाले से यह खबर चलाने वाले मीडिया हॉउस में आज तक, न्यूज 18, एबीपी, टीवी 9, टाइम्स नाउ रिपब्लिक भारत जैसे संस्थान थे। इन पर विपक्ष अकसर गोदी मीडिया होने का आरोप लगाता है। इन सभी पर जो समाचार चलाए उसमें यह लाइन एक समान है कि अब संघ के सूत्रों का कहना है कि इंद्रेश कुमार का बयान RSS का ‘ऑफिशियल’ स्टेटमेंट नहीं है. यह उनकी निजी राय है। यहां सवाल ये उठता है कि सूत्रों से जो खबर मिलती है वो व्यक्तिगत होती है। ऐसे में क्या इन चारों मीडिया हॉउस के संघ में सूत्र एक समान हैं?
दूसरा सवाल ये उठता है कि यदि ये संघ का अधिकारिक बयान नहीं है ये जानकारी सार्वजनिक करना थी तो संघ को ओर कोई स्टेटमेंट जारी होता। संघ ने इसके पहले भी जब भी किसी विषय पर गफलत होने की स्थिति में स्पष्टीकरण अपने अधिकृत चैनल यानी कि संघ प्रवक्ता या फिर प्रचार विभाग की ओर से जारी किया है। तो फिर इतने बड़े विषय पर क्या वे केवल सूत्रों के आधार पर जानकारी देंगे? कुल मिलाकर इस मुद्दे पर मीडिया ने जो खेल खेला है वो बहुत से मौकों पर खेला गया है। लेकिन मीडिया से भूल गया कि इस बार उसका पाला संघ से पड़ा है किसी राजनीतिक दल से नहीं।
इंद्रेश कुमार का स्पष्टीकरण
रात पौने नौ बजे न्यूज एजेंसी एएनआई ने इंद्रेश कुमार का वीडियो ट्वीटर यानी एक्स पर पोस्ट किया। इसमें वे कह रहे है कि जिन्होंने राम का विरोध किया वे सब सत्ता से बाहर हैं, जिन्होंने राम भक्ति का संकल्प लिया आज वो सत्ता में हैं और तीसरी बार की सरकार नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बन गई है। देश उनके नेतृत्व में प्रगति करेगा लोगों में यह विश्वास है। हमें उम्मीद है कि यह विश्वास और बढ़ेगा, और आगे फलेगा फूलेगा। इसकी शुभकामना करते हैं।
इसमें उन्होंने मोदी सरकार को शुभकामनाएं तो दी हैं लेकिन भाजपा को अहंकारी बताने वाले अपने पुराने बयान का कोई खंडन नहीं किया है। हालांकि इसे फिर भी उनका कवर अप स्टेटमेंट माना जा सकता है। खास बात इस स्टेटमेंट की टाइमिंग का है। जब मीडिया हाउसेस ने पहले ही इंद्रेश कुमार के बयान से संघ के किनारा करने की खबर सूत्रों के हवाले से चला दी थी तो फिर इंद्रेश कुमार ने मीडिया से रात में बात क्यों की?