MPPSC के कारण IAS नहीं बन पाएंगे MP के अभ्यर्थी! MPPSC Prilims आगे बढ़ाने की मांग
इंदौर/Goonj Exclusive
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा और संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षाओं की तिथि आस पास होने के चलते अब एमपीपीएससी प्री की तिथि आगे बढ़ाने की मांग हो रही है। परीक्षार्थियों का मानना है कि इस तरह से दोनों परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों को दोनों ही परीक्षा में नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसा नहीं है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग को यूपीएससी की परीक्षा की जानकारी नहीं है। लेकिन इसके बाद भी एमपीपीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा की तिथि यूपीएसी के पास की तिथि तय कर दी है। इससे ऐसा लगता है कि आयोग प्रदेश के ही अभ्यर्थियों के खिलाफ है।
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा प्रारंभिक परीक्षा 28 मई को आयोजित होने वाली है जिसके लिए संघ लोक सेवा आयोग ने लगभग 10 महीने पूर्व भी कैलेंडर घोषित कर दिया था। इसके बावजूद मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 21 मई को प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के अभ्यर्थियों को संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा के लिए 7 दिन भी नहीं मिलेंगे इससे प्रदेश के कई अभ्यर्थी असमंजस की स्थिति में है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की तैयारी की जाए यह संघ लोक सेवा आयोग की।
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 21 मई को प्रीलिम्स एग्जाम आयोजित की जाने वाली है। इस एग्जाम के कारण मध्य प्रदेश के अभ्यर्थी परेशान है, क्योंकि 28 मई को IAS की Prilims एग्जाम भी होना है। इससे दोनों एग्जाम देने वाले अभ्यर्थी मानसिक तनाव की स्थिति से गुजर रहे हैं। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि UPSC द्वारा एक वर्ष पूर्व ही परीक्षा का कैलेंडर घोषित कर दिया जाता है। ऐसे में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग को भी उस कैलेंडर को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं का आयोजन किया जाना चाहिए।
28 मई को संघ लोक सेवा आयोग के प्रारंभिक परीक्षा है और सितंबर में मुख्य परीक्षा का आयोजन किया जाना है लेकिन मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने इस विषय पर ध्यान नहीं रखा और परीक्षा की तारीख घोषित कर दी दोनों परीक्षाओं में मात्र 1 सप्ताह का अंतर है जबकि कम से कम 3 से 4 सप्ताह का अंतर होने से अच्छी तैयारी हो सकती है। इतना कम समय मिलने के कारण मानसिक तनाव की स्थिति है मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की इसी समस्या के चलते यहां पर अभ्यर्थियों का रुझान कम हुआ है। वर्ष 2022 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए भी पिछले वर्षों की तुलना में हजारों अभ्यर्थियों ने फॉर्म ही नहीं भरा।