तीन साल में NEET UG के स्टूडेंट्स 30 प्रतिशत बढ़े तो सीटें केवल 15 प्रतिशत
सरकार ने जारी किए नीट के 2020 से 2022 तक के डाटा
नई दिल्ली.
सरकार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में नीट यूजी (NEET UG) के आंकड़ें जारी किए हैं। इसमें 2020 से 2022 तक, तीन साल के नीट के आंकड़ों में सरकार ने बताया है कि इस दौरान कितने छात्रों ने नीट की परीक्षा दी और कितनी सीटें उपलब्ध थीं। इन आंकड़ों को देखकर पता चलता है कि इन तीन वर्षों में नीट के स्टूडेंट लगभग 30 प्रतिशत की दर से बढ़े लेकिन सीटों के बढ़ने की दर केवल 15 प्रतिशत थी। सरकार के लिखित जवाब के अनुसार 2022 में नीट यूजी के लिए 1872343 आवेदन आए थे जबकि 1764571 स्टूडेंट्स परीक्षा में सम्मिलित हुए थे।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीन पंवार ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद मुकुल वासनिक के लिखित प्रश्न के उत्तर में ये जानकारी दी है। वासनिक ने आंकड़ों के साथ ही ये जानकारी भी मांगी थी कि क्या मेडिकल कोर्सेस की प्रवेश परीक्षाओं की जटिलताओं ने कईं कानूनी मामलों को जन्म दिया है? और क्या इसने मेडिकल एजुकेशन काउंसिलर की इंडस्ट्री को जन्म दिया है? क्या सरकार इसे सरल बनाने के लिए कोई उपाय कर रही है?
ये है नीट यूजी का लेखा जोखा
वर्ष आवेदन परीक्षार्थी
2020 1597435 1366945
2021 1614777 1544273
2022 1872343 1764571
ये हैं एमबीबीएस की सीटों के आंकड़ें
वर्ष सीटें
2020 83275
2021 92065
2022 96077
छात्र दोगुने बढ़े सीटें आधी बढ़ीं
इन आंकड़ों से पता चलता है कि जहां 2020 में 1366945 स्टूडेंट्स ने नीट यूजी की परीक्षा दी थी तो वहीं 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 1764571 हो गई है। इस तरह से तीन वर्षों से अंतराल में नीट यूजी देने वाले छात्रों की संख्या 397626 बढ़ गई। इस तरह से प्रतिशत के आधार पर देखा जाए तो यह संख्या 2020 की तुलना में 29.10 प्रतिशत है। इन आंकड़ों के आधार पर देखा जाए तो 2020 में देश में 83275 थीं जो कि 2022 में बढ़कर 96077 हो गईं। इस तरह से इन तीन वर्षों में एमबीबीएस (MBBS) की सीटों में 12802 की वृद्धि हुई है। यदि प्रतिशत के आधार पर देखा जाए तो 2020 की तुलना में यह वृद्धि 15.37 प्रतिशत की है।
पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पंवार ने बताया कि मेडीकल सीट आवंटन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है जिसमें कि नीट में प्राप्त अंकों के आधार पर सीटों का आवंटन होता है। ऑल इंडिया कोटे की सीटों की प्रक्रिया डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज की मेडिकल काफंसिलिलंग करती है तो वहीं राज्य स्तर की सीटों की काउंसलिंग राज्य सरकारों द्वारा बनाई गई अथारिटी करती है।