4th December 2024

मजाक बनी पटवारी परीक्षा, 20 फीसदी प्रश्न गलत पूछे

10 लाख अभ्यर्थियों ने दी थी परीक्षा

गूंज एक्सक्लूसिव
लंबे समय से सरकारी नौकरी की राह देख रहे युवाओं को साथ पटवारी की वैकेंसी बड़ी राहत की तरह आई थी लेकिन परीक्षा के दौरान हुई कर्मचारी चयन आयोग द्वारा हुई गलतियों ने युवाओं को निराश कर दिया है। अब तक पटवारी परीक्षा की शायद ही कोई शिफ्ट हो जिसमें परीक्षार्थियों ने गलत प्रश्नों की शिकायत न की हो। ऐसे में परीक्षार्थियों के सामने गफलत की स्थिति है।

प्रदेश में व्यापमं घोटाले के बाद भले ही नाम बदलकर कर्मचारी चयन आयोग कर दिया गया हो, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। लाखों अभ्यर्थियों के साथ लगातार धोखाधड़ी की जा रही है। सरकारी नौकरी का सपना देखने वालों के लिए कर्मचारी चयन आयोग सिरदर्द साबित हो रहा है। कर्मचारी चयन आयोग द्वारा हाल ही में 37 दिन तक पटवारी और अन्य पदों के लिए लगभग साढ़े 9 हजार पदों के लिए आनलाइन परीक्षा ली थी। जिसमें प्रतिदिन दो-दो शिफ्ट में परीक्षा ली गई। इस परीक्षा में प्रति शिफ्ट दो सौ प्रश्न पूछे गए। इनमें कई प्रश्नो के साथ उत्तर भी गलत थे। जिसके लिए हाल ही में कर्मचारी चयन आयोग ने आपत्ति भी आनलाइन मंगाई है।

पटवारी की परीक्षा पूरी तरह मजाक बन गई है। यह परीक्षा निजी एजेंसी द्वारा ली गई थी, लेकिन इन एजेंसी ने अभ्यर्थियों के लिए नई मुश्किल खड़ी कर दी है। कुल 15 मार्च से 26 अप्रैल तक 37 दिन में लगभग 65 से 70 शिफ्ट में परीक्षा हुई। इस परीक्षा में 10 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। इन सभी शिफ्ट में लगभग 14 हजार प्रश्न पूछे गए।

गलत प्रश्नों का प्रभाव दूसरे प्रश्नों पर

हाल ही में कर्मचारी चयन आयोग ने इन प्रश्नों पर आपत्ति मंगाई थी और आश्चर्य इस बात का है कि 20 फीसदी से अधिक प्रश्नों पर अभ्यर्थियों ने आपत्तियां ली है। अब कर्मचारी चयन आयोग इस आपत्तियों पर क्या निर्णय करता है, यह देखना मजेदार होगा, क्योंकि गलत प्रश्नों को हल करने में अभ्यर्थियों को काफी समय लगा होगा और उसका प्रभाव अगले प्रश्नों पर जरूर पड़ा होगा। इससे चयन तालिका में भी बड़ा अंतर देखने को मिलेगा।

24 अप्रैल पहली शिफ्ट 30 प्रश्न पर आपत्ति
19 मार्च पहली शिफ्ट 29 प्रश्न पर आपत्ति
24 मार्च दूसरी शिफ्ट 40 प्रश्न पर आपत्ति
ये तो मात्र उदाहरण है। इसी तरह से लगभग सभी शिफ्टों में 30 से 50 प्रश्न तक आपत्तियां लगी हैं। इन आपत्तियों के निराकरण पर परिणाम में बहुत फेर बदल हो सकता है।

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