मोदी राज में रेलवे की कमाई 10 वर्षो में सबसे बदतर हालत में पहुंची : कैग रिपोर्ट

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रेलवे को 100 रुपये कमाने के लिए 98.44 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं

नई दिल्ली
गिरती जीडीपी के बाद अब मोदी सरकार के लिए नई चुनौति सामने आई है। नियंत्रक ए‌वं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रेलवे की कमाई 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। रेलवे का परिचालन अनुपात (ऑपरेटिंग रेशियो) वित्त वर्ष 2017-18 में 98.44 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जिसका अर्थ यह है कि रेलवे को 100 रुपये कमाने के लिए 98.44 रुपये खर्च करने पड़े हैं। यह रिपोर्ट इसलिए भी मोदी सरकार पर बड़ा सवाल है क्योंकि मोदी सरकार के आने के बाद लगातार रेल यात्रा महंगी हुई है। लेकिन इसके बाद भी रेलवे की हालत नहीं सुधरी है।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट से बात सामने आई है। ऑपरेटिंग रेशियो के आंकड़े से स्पष्ट होता है कि सारे जतन कर लेने के बाद भी रेलवे की कमाई दो प्रतिशत भी नहीं है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सबसे विश्वस्त मंत्री पीयूष गोयल को इसकी जिम्मेदारी सौंपी हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रेल का परिचालन अनुपात वित्त वर्ष 2017-18 में 98.44 प्रतिशत रहने का मुख्य कारण पिछले वर्ष 7.63 प्रतिशत संचालन व्यय की तुलना में उच्च वृद्धि दर का 10.29 प्रतिशत होना है। इसमें बताया गया है कि वित्त वर्ष 2008-09 में रेलवे का परिचालन अनुपात 90.48 प्रतिशत था, जो 2009-10 में 95.28 प्रतिशत, 2010-11 में 94.59 प्रतिशत, 2011-12 में 94.85 प्रतिशत, 2012-13 में 90.19 प्रतिशत, 2013-14 में 93.6 प्रतिशत, 2014-15 में 91.25 प्रतिशत, 2015-16 में 90.49 प्रतिशत, 2016-17 में 96.5 प्रतिशत तथा 2017-18 में 98.44 प्रतिशत दर्ज किया गया।

पिछले दस साल का ऑपरेटिंग रेशियो

सालऑपरेटिंग रेशियो
2008-0990.48%
2009-1095.28%
2010-1194.59%
2011-1294.85%
2012-1390.19%
2014-1591.25%
2015-1690.49%
2016-1796.50%
2017-1898.44%

कैग की रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि रेलवे को आंतरिक राजस्व बढ़ाने के लिए उपाय करने चाहिए, ताकि सकल और अतिरिक्त बजटीय संसाधनों पर निर्भरता रोकी जा सके। इसमें सिफारिश की गई है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान रेल द्वारा वहन किए गए पूंजीगत व्यय में कटौती हुई है।
आईबीआर-आईएफ के तहत जुटाया धन खर्च नहीं

रेलवे पिछले दो वर्ष में आईबीआर-आईएफ के तहत जुटाए गए धन को खर्च नहीं कर सका। रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे बाजार से प्राप्त निधियों का पूर्ण रूप से उपयोग करना सुनिश्चित करे।

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