रोहिंग्याओं से अपनी जमीन खाली कराएगी योगी सरकार

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दिल्ली में उप्र सरकार की जमीन पर अवैध रूप से काबिज हैं रोहिंग्या, सपा और बसपा की सरकारों के समय किया था कब्जा

नई दिल्ली .

यमुना किनारे दिल्ली में उत्तर प्रदेश की सिंचाई विभाग की जमीन पर काबिज रोहिंग्याओं को उत्तर प्रदेश सरकार ने हटाने की निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान इस जमीन पर रोहिंग्या बस गए थे। खास बात ये है कि इस मामले में दिल्ली के एख वि्धायक और सिंचाई विभाग के कुछ अधिकारियों की मिली भगत भी सामने आ रही है। पूरे मामले की जानकारी होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताते हुए अवैध कब्जों को खाली कराने के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर हाल ही में राज्य के सिंचाई और जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने पिछले दिनों दिल्ली में कैम्प कर अवैध कब्जा गिराने के अभियान का नेतृत्व किया था और सिंचाई विभाग की 21 हेक्टेयर जमीन में से छह एकड़ को मुक्त कराया था।

एक हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि

उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की यमुना खादर में दिल्ली की सीमा में कुल 1007 हेक्टेयर जमीन है। ये जमीनें ओखला, जसोला, मदनपुर खादर, आली, सैदाबाद, जैतपुर, मोलरवंद और खुरेजी खास में हैं। इसमें सिंचाई विभाग की 20.9077 हेक्टेयर यानि 51.66 एकड़ जमीनों पर अवैध कब्जा है।

आरोप है कि दिल्ली के एक अल्पसंख्यक विधायक और उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधिकारियों ने इन जमीनों पर मिलीभगत कर अतिक्रमण और अवैध कब्जे कराए थे।

सिंचाई विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में बाकी जमीन भी मुक्त कराने का अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारी चल रही है।

सूत्रो ने दावा किया कि सपा और बसपा के शासनकाल में यमुना के किनारे दिल्ली में स्थित सिंचाई विभाग की अरबों रुपए कीमत की 21 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जे हो गए थे, लेकिन तत्कालीन सरकारों ने इसे खाली कराने का प्रयास नहीं किया। आरोप है कि तत्कालीन सरकारों की सरपरस्ती में ही सिंचाई विभाग की जमीन पर रोहिंज्ञ्या को बसाया गया था।

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