अब MPPSC प्री परीक्षा में भी नेगेटिव मार्किंग

तुक्केबाजी होगी खत्म, परीक्षार्थियों को बदलनी पड़ेगी रणनीति


मप्र लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी)अब प्रारंभिक परीक्षा को कठिन बनाने जा रहा है, क्योंकि पिछले कुछ एग्जाम में प्रारंभिक परीक्षा का कट आफ बहुत अधिक जा रहा है, इससे यह धारणा बन रही थी कि एमपीपीएससी का एग्जाम पैटर्न काफी इजी है।
वर्ष 2021 में एमपीपीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा ली थी। जिसका परिणाम आया तो सभी अभ्यर्थी चौंक गए, क्योंकि कट आफ काफी ज्यादा था।

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इसमें सामान्य वर्ग का कट ऑफ 77 था वही एससी कैटेगरी में 71 कट ऑफ गया था। वहीं ओबीसी में भी कटऑफ 73 था।
एमपीपीएससी अब अपनी छवि को सुधारने की कोशिश में लग गया है। आयोग में इस बात की कवायद शुरू हो गई है कि अन्य राज्यों की तर्ज पर मप्र में भी प्रारंभिक परीक्षा में निगेटिव मार्किंग शुरू की जाए। इससे कट ऑफ कम हो जाएगा।

नेगेटिव मार्किंग वाले राज्यों में कटऑफ 50 से नीचे

राजस्थान और छत्तीसगढ़ पीएससी में निगेटिव मार्किंग है, वहां का कट आफ 50 फीसदी के अंदर ही रहता है। दो साल पहले तो राजस्थान में प्रारंभिक परीक्षा का कट ऑफ 40 फीसदी रहा था। वहां परीक्षार्थी 200 में से 80 नंबर पर क्वालीफाई हुए थे। वहीं छत्तीसगढ़ में भी प्रारंभिक परीक्षा में 50 फीसदी के आसपास ही कट ऑफ रहता है।

आयोग के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एमपी पीएससी में भी चर्चा शुरू हो गई है कि अब प्रारंभिक परीक्षा में निगेटिव मार्किंग शुरू किया जाना चाहिए। इसका फायदा उन अभ्यर्थियों को होगा, जो अच्छी पढ़ाई तो करते हैं, लेकिन एक- दो नंबर से चूक जाते हैं। इसके पीछे कारण यह है कि कई तुक्केबाज अब प्रारंभिक परीक्षा में तुक्के नहीं मार पाएंगे। इस संबंध में आयोग से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वहां से कोई रिस्पांस नहीं मिला जैसे ही आयोग के परीक्षा नियंत्रक से बात होगी इस खबर को अपडेट किया जाएगा।

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