9th October 2024

ऑस्ट्रेलिया से लेकर अमेरिका तक हो रहा है वैक्सीन का विरोध, जमकर हो रहे प्रदर्शन

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लंदन में भी वैक्सीन पासपोर्ट के विरोध में रैली

मेलबोर्न, लंदन, न्यूयॉर्क

जहां हमारे देश में ज्यादा से लोग वैक्सीन लगवाने की जल्दबाजी में हैं वहीं विकसित देशों में गिने जाने वाले अमेरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में अब भी वैक्सीन का विरोध हो रहा है। शनिवार और रविवार को इन देशों नें वैक्सीन के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। साथ ही ये लोग कोरोना को भी एक षड्यंत्र बता रहे हैं।

आस्ट्रेलिया के बड़े शहरों में विरोध

शनिवार को मेलबोर्न में वैक्सीन और लॉकडाउन के खिलाफ 150 लोगों ने प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन को लेकर पुलिस पहले से तैयार थी और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को रोकना शुरू किया लेकिन इससे प्रदर्शन हिंसक हो गया। इसमें कुछ प्रदर्शनकारियों को चोट आई है। कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।

जानकारी के अनुसार एक स्थान पर 50 प्रदर्शनकारी एकत्रित हुए थे। मौके पर पहुंची पुलिस ने इनमें से 14 को गिरफ्तार किया। इसक अलावा दोपहर 12.30 बजे मेलबोर्न के फ्लेगस्टाफ गार्डन से भी प्रदर्शन कर रहे 12 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इन लोगों पर लॉकडाउन की गाईडलाइन तोड़ने का साथ ही पुलिस पर हमला करने के आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा मेलबोर्न में एक और स्थान पर पुलिस ने हिसंक झड़प के बाद छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इस झड़प में दो पुलिसकर्मियों को भी चोट लगी है।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि कुल 55 लोगों को गाई़डलाइन तोड़ने के नोटिस जारी किए गए हैं और 1492 डॉलर का जुर्माना लगाया गया है।

क्वीन विक्टोरिया मार्केट के बाहर पकड़ी गई एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि मेरी स्वतंत्रता के लिए मेरा संघर्ष जारी रहेगा। कोरोना एक छल है। आपको क्या लगता है आपका मास्क आपको बचा रहा है? इसी तरह के प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया केएडीलेड, ब्रिसबेन और सिडनी में भी हुए हैं।

लंदन में वैक्सीन के विरोध में रैली

शनिवार और रविवार को लंदन में वेक्सीनेशन के विरोध में प्रदर्शन हुए हैं। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने एक सिटी बस पर एंटी वैक्सीन के स्टिकर चिपकाए। बस पर इतनी बड़ी संख्या में स्टिकर लगाए कि ड्राइवर को बस चलाने के लिए भी विंडस्क्रीन से स्टिकर हटाने पड़।

इन स्टिकरों पर लिखा था कि कोई महामारी नहीं है (There is no pandemic) और सत्य ही जीतेगा (Truth will win) जेसे स्लोगन लिखे हुए थे। शनिवार को लंदन में वैक्सीन के विरोध में Unite for freedom रैली का आयोजन किया गया था। यह रैली पार्लियामेंट स्केअर पर हुई थी।

रैली में प्रदर्शनकारी My body My choice (मेरा शरीर मेरी मर्जी) और We are nor guinea pigs (हम गिनी पिग नहीं है) के नारों वाले बैनर लिए हुए थे। ये लोग कोरोना को छल (Hoax) बताते हुए कोरोना पासपोर्ट का विरोध कर रहे थे। वेस्टफील्ड के इलाके में हुई इस प्रदर्शन के दौरान दुकानें और बाजार बंद करने पड़े थे।

अमेरिका में वैक्सीन सेंटर के बाहर विरोध

अमेरिका के रिजफील्ड में रीडफील्ड हाई स्कूल में बने वैक्सीन सेंटर पर वैक्सीनेशन के विरोध में प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारी No Mask No Vaccine के नारे लिखे बैनर के साथ स्कूल के बाहर जमा हो गए। ये लोग प्रमुख रूप से बच्चों के लगाए जा रहे कोरोना वैक्सीन का विरोध कर रहे थे। इस सेंटर पर जानसन एंड जानसन तथा फाइजर के वैक्सीन लगाए जा रहे थे। प्रदर्शनकारियों में शामिल केली स्टीवर्ट ने कहा कि हमे नहीं लगता कि बच्चों को वैक्सीन लगाना सुरक्षित है। वो लोग यहां जमा हैं जो अपने बच्चों के लिए चिंतित है।

इस प्रदर्शन के दौरान ही 7-8 नर्सों ने भी वहां पर वैक्सीन के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। उनका कहना था कि एक साल पहले हम भी यही मानते थे कि वैक्सीन सुरक्षित नहीं है। लेकिन बाद में पता चला कि ऐसा नहीं है।

अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग ने फाइजर की वैक्सीन को 12 साल और उससे अधिक आयु के बच्चों के लिए सुरक्षित बताया है। इसके पहले अमेरिका के एक स्कूल ने भी अपने स्टाफ को वैक्सीन लगाकर स्कूल न आने के निर्देश दिए थे। स्कूल ने कहा था कि यदि आप वैक्सीन लगवाते हैं तो आपको स्कूल की नौकरी छोड़ना पड़ेगी।

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