युवा मोर्चा कार्यकर्ता ने पार्टी के लीगल सेल प्रभारी पर लगाया यौन उत्पीडन का आरोप
मामला बंगाल का, पीड़ित ने की भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष से शिकायत
कोलकाता.
पश्चिम बंगाल भाजपा युवा मोर्चा के एक कार्यकर्ता ने पार्टी में सहयोगी लोकनाथ चटर्जी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और यह भी कहा कि भाजपा नेता के अंगरक्षकों ने उन पर हमला भी किया। श्री चटर्जी भाजपा लीगल सेल के प्रभारी हैं। युवा मोर्चा नेता ने कहा कि उसे चटर्जी के साथ पार्टी के काम के लिए सिक्किम जाने को कहा गया था और उनका कहना है कि वहां चटर्जी ने उनका उत्पीड़न किया। यह घटना कथित तौर पर पिछले महीने 27 से 29 अक्टूबर के बीच हुई थी, जब शिकायतकर्ता ने चटर्जी के साथ यात्रा की थी। शिकायतकर्ता ने कहा कि "उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरे पास टाइम है और मेरे हां कहने पर उन्होंने मुझे बताया कि हम 25 तारीख को सिक्किम के लिए निकलेंगे। मैंने उनसे पूछा कि क्या यह पार्टी का काम है और उन्होंने कहा 'हां, हम पार्टी का काम करेंगे और वापस आ जाएंगे'। जब मैं स्टेशन पहुँचा, तो मैंने देखा कि चटर्जी का पूरा परिवार वहाँ था। सभी के लिए एसी टिकट बुक किए गए थे लेकिन मुझे एक सामान्य कोच मे बैठाया गया था। शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि चटर्केजी के सीआईएसएफ गार्डों ने मुझे कॉलर से पकड़ रखा था और जब मैंने उनसे पूछा कि वे मेरे साथ ऐसा क्यों व्यवहार कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि सर ने उन्हें मुझे हिरासत में लेने का आदेश दिया है। उन्होंने मुझे एक कार में बैठा दिया, मेरा फोन और बैग जब्त कर लिया। शिकायतकर्ता का कहना है कि जब वे सिक्किम पहुंचे तो उन्हें एहसास हुआ कि पार्टी का कोई काम नहीं है और मामला यौन शोषण का है। पीड़ित ने अपनी शिकायत में विस्तार से बताया कि कैसे बंगाल में भाजपा के कानूनी प्रकोष्ठ के नेता और संयोजक और उनके सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें यौन कृत्य के लिए मजबूर किया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि वह चटर्जी के कमरे में कैद था। सीआईएसएफ कर्मियों ने उन्हें अपने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया और यहां तक कि उनके साथ मारपीट करते समय उनके मुंह पर बंदूक भी रख दी। शिकायतकर्ता ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर श्री चटर्जी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। श्री चटर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जो एक वकील भी हैं और अदालतों में पार्टी के मामलों को देखते हैं, विशेष रूप से कलकत्ता उच्च न्यायालय में उन्होंने भाजपा के लिए कईं मामलों में पैरवी की है। अब तक चटर्जी ने इस मामले में कोई बयान नहीं दिया वहीं प्रदेश के अन्य भाजपा नेताओं ने इस मामले में अब तक चुप्पी साध रखी है।