40 लोगों की भूख के लिए साढ़े तीन सौ लोगों ने बनाया अनाज बैंक
लॉक डॉउन के दौरान छोटे गांव ने पेश की मिसाल
खूंटी.
कोरोना से महामारी से निपटने के लिए लगाए गए लॉक डॉउन में एक-दूसरे की मदद के बहुत से उदाहरण सामने आ रहे हैं। ऐसा ही मामला झारखंड़ के दूरस्थ क्षेत्र खूंटी से सामने आया है। इस गांव में मजदूरी करने वाले 35-40 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करने के लिए तीन सौ लोगों ने अनाज बैंक ही बना दिया और कहा कि इस लॉक डॉउन में गांव में किसी का भी चूल्हा नहीं बूझेगा। गांव में एक-दूसरे कि चिंता करने की इस भावना के चलते ही संंभवत: कााम के लिए शहर आए श्रमिक जल्दी से जल्दी अपने गांव लौटना चाहते हैं।
दरअसल खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड अंतर्गत गानालोया गांव के लोगों ने एक अनाज बैंक बनाया है। इसके पीछे की कहनी यह है कि 350 परिवार वाले इस गांव में लगभग 35-40 ऐसे लोग हैं, जिन्हें सरकारी सुविधाओं के बावजूद लॉक डाउन के दौरान खाने-पीने को दिक्कतें आ रही थी। गांव के लोगों ने इसके सामाधान के लिए सेवा वेलफेयर सोसाईटी से संपर्क किया। तब सोसाईटी के लोगों ने गांव के कुछ लोगों से इस बाबत बातचीत की और गांव वालों से ही सहयोग मांगा। तब सोमवार को गांव के ही हीरालाल महतो ने चार क्विंटल चावल और 80 किग्रा आलू दान किए। लेकिन गांव में 76 लोगों के भोजन के लिए यह सामान कम पड़ा।
ग्रामीणों ने दिया पांच-पांच किलो अनाज
सोमवार को हीरा महतो के द्वारा दान में चावल दिये जाने के बाद अगले दिन सोसाईटी की टीम सुबह ही गांव पहुंची। जहां गांव के शांति समिति के अध्यक्ष देवेंद्र महतो, ग्रामपंचायत सदस्य रोशन लाल गंझू, आदित्य गंझू, मुखहंस कुमार, तुलसी गंझू, पुरेंद्र हजाम, सुशील सोय,अघनु महतो आदि ने मिलकर 56 घरों में घुम-घुम कर पांच-पांच किग्रा अनाज संग्रह किया। इसके अलावा इसी गांव के जगदीश महतो ने एक क्वींटल अनाज देने का आश्वासन दिया। गांव के लोग खुशी-खुशी अनाज दान कर रहे थे। गांव की शांति समिति ने कहा है कि लॉक डाउन के दौरान किसी जरूरतमंद घर का चूल्हा नहीं बुझने दिया जाएगा। 76 जरूरतमंदों के लिए दान कर उसका वितरण कराया। लेकिन यह इतने बड़े गांव के लिए नाकाफी साबित हुआ। गांव की शांति समिति ने कहा है कि लॉक डाउन के दौरान किसी जरूरतमंद घर का चुल्हा नहीं बुझने दिया जाएगा।
श्रमिक ने भी दिया पांच किलो अनाज
गांव के लोगों में अनाज दान करने का जज्बा देखा गया। गानालोया इस गांव में अजय शर्मा नाम के मजदूर हैं। उनकी स्वयं की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं और ग्रामीणों के अनुसार उन्हें भी अनाज की जरूरत होनी चाहिए लेकिन उन्होंने भी पांच किग्रा अनाज का दान किया। उसे लोग मना करते रहे, लेकिन इसके बावजूद उसने अनाज का दान किया। इस तरह से एक मजदूर को दान करते देख ग्रामीणों ने आगे भी इस बैंक में अनाज देने की बात कही है।
गांव के लोगों द्वारा दिये गए अनाज मंदिर परिसर में अपना अनाज बैंक बनाकर रखा गया है। जहां से वैसे लोगों को यह अनाज दिया जाएगा, जिसके घर का चुल्हा बुझने की स्थिति में होगा। अभी अनाज दान का काम गांव में जारी है।