22 साल बाद पकड़ाया महिला अधिकारी के गैंगरेप मुख्य आरोपी, घटना के चलते मुख्यमंत्री को देना पड़ा था इस्तीफा

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मामला उड़ीसा का, 9 जनवरी 1999 को हुई थी घटना


मुंबई. 
1999 में उड़ीसा की एक आईएफएस अधिकारी के साथ हुए गैंगरेप का आरोपी 22 साल बाद अब जाकर पकड़ाया है। बलात्कार का यह मामला इतना सुर्खियों में था कि जिसके चलते उड़ीसा के तत्कालीन मुख्यमंत्री जेबी पटनायक को त्यागपत्र देना पड़ा था।  इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। 

इस मामले में कुल 3 लोग आरोपी थे जिनमें से दो को गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन तीसरे अभियुक्त विवेकानंद बिस्वाल उर्फ बीबन फरार चल रहा था। भुवनेश्वर कटक के पुलिस आयुक्त एम सारंगी ने बताया कि विभिन्न को महाराष्ट्र में मुंबई के पास एंबी वैली से पकड़ा गया है। वहां पर बीबन नाम बदलकर जालंधर स्वैन के नाम से प्लंबर का काम कर रहा था। 

ऑपरेशन साइलेंट वाइपर से पकड़ा गया

पुलिस आयुक्त सारंगी ने बताया कि 3 महीने पहले बीबन की गिरफ्तारी के लिए ऑपरेशन साइलेंट वाइपर शुरू किया गया था। बीबन की गिरफ्तारी इस ऑपरेशन के चलते हो सकी है। पुलिस ने गहन छानबीन कर उसके बारे में महत्वपूर्ण सुराग एकत्रित किए और उसके बाद वह पकड़ा गया। इस मामले के एक अन्य आरोपी प्रदीप साहू की पिछले साल मौत हो गई है। उसे इस मामले में सबसे पहले 15 जनवरी 1999 को गिरफ्तार किया गया था। 

यह थी घटना

घटना 9 जनवरी 1999 की है जबकि महिला आईएएस अधिकारी अपने एक पत्रकार मित्र के साथ कार से कटक जा रही थी। महिला के पति भी अधिकारी थे। देर रात को बार अंगा में इन तीनों आरोपियों ने महिला की कार रोक ली और उससे सामूहिक बलात्कार किया। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी क्योंकि यह मामला राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील हो गया था। उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और जेबी पटनायक मुख्यमंत्री थे।

आरोपियों के ना पकड़े जाने का उन पर इतना दबाव पड़ा कि उन्हें अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। पुलिस ने बताया कि बीबन को अब सीबीआई को सौंपा जाएगा। सीबीआई उसे अधिकारिक रूप से गिरफ्तार करेगी और कोर्ट में पेश करेगी। पीड़ित महिला ने बीबन को फांसी दिए जाने की मांग की है। 

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