कोर्ट ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी को दिए 18 विषयों में एटीकेटी वाले स्टूडेंट को चौथे साल में प्रवेश देने के निर्देश
कोर्ट ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से कहा स्टूडेंट की विशेष परीक्षा कराएं
बेंगलुरु
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने नेशनल लॉ स्कूल यूनिवर्सिटी ऑफ इंडिया (NLSUI) को उस छात्र की विशेष परीक्षा लेने का आदेश दिया है जिससे कि 18 विषयों में एटीकेटी है। हरियाणा के पंचकुला में रहने वाले इस छात्र को नेशनल लॉ स्कूल ने 18 विषयों में एटीकेटी होने के चलते सेकंड ईयर में एडमिशन लेने को कहा था जबकि वह चौथे वर्ष में प्रवेश लेना चाहता है। इस मामले में कोर्ट ने नेशनल लॉ स्कूल को छात्र की विशेष परीक्षा लेने और उसके परिणाम के आधार पर प्रवेश तय करने को कहा है।
कर्नाटक उच्च न्यायालय की बेंगलुरु खंडपीठ के जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित ने अपने आदेश में कहा कि जिस तरह से गरीब होना कोई पाप नहीं है उस तरह से कम इंटेलिजेंट होना भी कोई अपराध नहीं है। छात्र के कुछ विषय 2016 से रुके हुए हैं। यह आदेश देते हुए कोर्ट ने इन्हें विशेष परिस्थितियों वाला आदेश बताते हुए कहा है कि वे इस विशेष परीक्षा के आधार पर छात्रों को अंडर ग्रैजुएट कोर्स के चौथे वर्ष में एडमिशन दें।
नेशनल लॉ स्कूल की दलील
छात्र ने चौथे वर्ष में प्रवेश दिए जाने से रोके जाने को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इस मामले में नेशनल लॉ स्कूल ने यह दलील रखी थी कि जब एकेडमिक एंड एग्जामिनेशन रेगुलेशंस 2020 लागू हो चुके हैं ऐसे में छात्र 2009 के रेगुलेशंस के आधार पर चौथे वर्ष में प्रवेश का दावा नहीं कर सकता। इस मामले में छात्र ने कुछ छात्रों की जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत की जिन्हें की नेशनल लॉ स्कूल ने विशेष परीक्षाएं करा कर उन्हें अगले वर्ष में प्रवेश दिया है।
इस आधार पर कोर्ट में किस छात्र के लिए भी विशेष परीक्षाएं कराने का निर्देश दिया है साथ ही छात्र से असाइनमेंट और वाइ-वा लेने के लिए भी कहा है।