ChatGPT ने IBM के 7800 कर्मचारियों की नौकरी खाई

कंपनी अब नहीं करेगी इन पदों पर नियुक्ति

इंटरनेशनल बिजनेस मशीन कॉरपोरेशन यानी IBM ने कुछ पदों के लिए भर्ती हमेशा के लिए बंद करने का निर्णय लिया है बताया जा रहा है कि अब कंपनी 7800 नौकरियों पर कोई भर्ती नहीं करेगी क्योंकि कंपनी का काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चल रहा है। 

कंपनी के सीईओ अरविंद कृष्णा ने ब्लूमबर्ग के साथ इंटरव्यू में बताया कि यह पद ज्यादातर बैक ऑफिस से संबंधित है जिसमें की मानव संसाधन और प्रशासन जैसे कार्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 30% नॉन customer-facing कार्य भी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए किया जाएगा। यह कंपनी के अगले 5 वर्षों की योजना में शामिल है। 

सीईओ ने बताया पीआईबीएम की कर्मचारियों को कम करने की नीति में रिक्त हुए पदों पर नई नियुक्ति ना करना शामिल है। 

कंपनी ने यह घोषणा नवंबर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐप चैट जीपीटी में कंपनियों की बढ़ती हुई रूचि के बाद की है। माइक्रोसॉफ्ट के इस उत्पाद को लेकर दुनिया भर की कंपनियों में ट्रांसफार्म की प्रक्रिया चल रही है जिसमें किस सॉफ्टवेयर उद्योग भी शामिल है। 

सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में बढ़ रहा है AI का उपयोग

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट ऑटोमेटिंग टास्क और डेवलपमेंट प्रोसेस में एफिशिएंसी बढ़ाने तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि आने वाले समय में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कितनी काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा ही किए जाएंगे जोकि पूरे सॉफ्टवेयर उद्योग के स्वरूप को बदल देगा। 

रोजगार के बाजार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं साथ ही कर्मचारियों को नए तरीके से तैयार करने की आवश्यकता पड़ रही है। कहां जा रहा है कि जो भी कंपनियां अपनी प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करेंगे उनको नए सिरे से कर्मचारियों की ट्रेनिंग और कौशल पर निवेश करना पड़ेगा। 

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