आईआईटी प्रशासन का कहना है कि फीस तीन साल पहले बढ़ाने का निर्णय लिया था, अब कर रहे लागू
मुंबई.
फीस बढ़ाए जाने के विरोध में आईआईटी बांबे के स्टूडेंट्स शनिवास से भूख हड़ताल पर जा रहे है। फीस बढ़ाए जाने का यह मुद्दा जुलाई की शुरुआत से ही चर्चा में है। स्टूडेंट्स का कहना है कि आईआईटी एडमिनीस्ट्रेशन ने 45 प्रतिशत तक फीस बढ़ाई है जो कि सही नहीं है वहीं आईआईटी प्रशासन का कहना है कि फीस केवल 35 प्रतिशत बढ़ाई गई है और इसका निर्णय तीन साल पहले ही लिया जा चुका था लेकिन कोविड महामारी को देखते हुए इसे लागू नहीं किया गया है।
इस मामले को लेकर दोनों पक्षों के बीच कैंपस में बात हुई थी जिसमें कि आईआईटी प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया था कि फीस वृद्धि वापस नहीं ली जा सकती है। इसके बाद से ही स्टूडेंट्स ने भूख हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी थी। हालांकि इसके बाद आईआईटी प्रशासन ने मेस एडवांस फीस में पीजी स्टूडेंट्स के लिए 1800 तथा यूजी स्टूडेंट्स के लिए 1500 रुपए की कटौती की है। साथ ही इसे दो किस्तों में जमा करने की सुविधा भी दी है लेकिन स्टूडेंट्स का कहना है कि ये फीस में कटौती नहीं है बल्कि सुधार है।
हालांकि दोनों ही पक्षों के बीच विवाद का विषय ये फीस नहीं है। स्टूडेंट्स का कहना है कि पुराने स्टूडेंट्स के लिए नॉन ट्यूशन फीस तथा नए स्टूडेंट्स के लिए ट्यूशन फीस में बढ़ोतरी की गई थी। इसे स्टूडेंट्स ने बहुत ज्यादा बताया है। मामले में कोई सहमति नहीं बनने के चलते स्टूडेंट्स ने 6 अगस्त से भूख हड़ताल शुरू करने की घोषणा की है।
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