भारत में इंटरनेट बंद करने से छह माह में हुआ दस हजार करोड़ का नुकसान
दुनिया में पहले स्थान पर है भारत इंटरनेट बंद करने में
नई दिल्ली.
क्या आपको पता है कि हमारा देश दुनिया में इंटरनेट बंद करने के मामले में सबसे आगे है। जुलाई से दिसंबर 2019 के छह माह की अवधि में हमारे देश में कुल 4,196 घंटों के लिए इंटरनेट बंद किया गया। इस अवधि में देश में ऐसी चालीस घटनाएं हुईं जिनके कारण सरकार ने इंटरनेट बंद करने का निर्णय लिया। भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसकी लागत 1.3 बिलीयन डॉलर यानी लगभग दस हजार करोड़ बताई जा रही है।
पिछले कुछ वर्षों में इंटरनेट को अफवाह फैलाने के हथियार के रूप में भी देखा जाता है। इसके चलते जहां कहीं भी कानून व्यवस्था का प्रश्न खड़ा होता है, वहां इंटरनेट बंद कर दिया जाता है। जुलाई से दिसंबर 2019 के बीच भारत में 40 अलग-अलग घटनाओं में 36 सप्ताह, 6 दिन और 9 घंटे तक इंटरनेट बंद किया गया था। इस तरह की ज्यादातर घटनाएं असम, मेघालय और यूपी के सहारनपुर में हुई थीं। इस सूची में यूपी के मेरठ, आजमगढ़ और अलीगढ़, राजस्थान के जयपुर, त्रिपुरा और अन्य भी शामिल थे।
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2019 में तो कश्मीर में जनवरी से 31 दिसंबर तक के बीच 3 हजार 692 घंटों के लिए इंटरनेट बंद किया गया। वहीं साल 2016 में बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद कशमीर में 8 जुलाई से 19 नवंबर 2016 तक के लिए 133 दिनों तक के लिए इंटरनेट बंद किया गया था। साल 2017 की फेसबुक की इस रिपोर्ट के मुताबिक 17 जून से सितंबर 2017 के बीच दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल में 100 दिनों का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट शटडाउन हुआ था। कश्मीर मेंं अभी भी 4जी सेवाएं प्रतिबंधित हैं।
द ग्लोबल कॉस्ट ऑफ इंटरनेट शट 2018′ रिपोर्ट
द ग्लोबल कॉस्ट ऑफ इंटरनेट शट 2018′ रिपोर्ट को फेसबुक ने पोस्ट किया है। फेसबुक ट्रांसपेरेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट बंद मामले में पूरी दुनिया में भारत ही सबसे आगे है, क्योंकि भारत में साल 2019 में हुए 40 घटनाओं के बीच सबसे ज्यादा बार इंटरनेट बंद किया गया था। इसमें जम्मू-कश्मीर में 21 सप्ताह, 1 दिन और 20 घंटों के लिए इंटरनेट बंद किया गया था। वही पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान सबसे ज्यादा बार इंटरनेट बंद करने के मामले में दूसरे नंबर पर आता है। यूके की एक टेक रिसर्च फर्म Top10VPN के अनुसार, भारत में 2019 में 4,196 घंटे के लिए इंटरनेट ब्लैकआउट का सामना करना पड़ा, जिसकी लागत भारतीय अर्थव्यवस्था को 2019 में $ 1.3 बिलीयन यानी 9800 करोड़ रुपए के करीब थी।