19th April 2024

आईआईटी स्टूडेंट की जिस आत्महत्या को जाति से जोड़ा जा रहा था वो धर्म से जुड़ी निकली

आईआईटी बांबे के स्टूडेंट दर्शन सोलंकी की आत्महत्या में अरमान इकबाल खत्री गिरफ्तार

मुंबई.

आईआईटी बांबे के बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र दर्शन सोलंकी की आत्महत्या के मामले मुंबई पुलिस की एसआईटी से दर्शन के सहपाठी को गिरफ्तार किया है। सहपाठी का नाम अरमान इकबाल खत्री है। अरमान को दर्शन के रूम से मिले सोसाइड नोट की हैंडराइटिंग की पुष्टि होने के बाद गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने अरमान से पूछताछ की लेकिन वो ठीक से जवाब नहीं दे रहा है इसके चलते एसआईटी ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और अब उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस मामले में सबसे दर्शन के दलित होने के मुद्दा बनाकर प्रदर्शन किए गए थे। कहा गया था कि दर्शन को दलित होने के चलते आईआईटी बांबे में भेदभाव का शिकार होना पड़ा जिसके चलते उसने आत्महत्या की है लेकिन प्रारंभिक तौर पर ये मामला धर्म से जुड़ा हुआ है।

अपने परिवार के साथ दर्शन

आत्महत्या के छह दिन पहले हुआ था विवाद

पुलिस अधिकारी ने बताया कि अरमान अभी घटनाक्रम के बारे में कुछ नहीं बोल रहा है लेकिन दूसरे छात्रों से घटनाक्रम के बारे में जो जानकारी मिली है उसके अनुसार घटना के छह दिन पहले दर्शन ने कोई धार्मिक टिप्पणी कर दी थी जिसके बाद अरमान ने उसे कटर लेकर मारने की धमकी दी थी। उसने दर्शन से कहा था कि वो उसे नहीं छोड़ेगा। बताया गया है कि इसके बाद दर्शन ने अरमान से दो बार माफी भी मांगी थी और दोनों गले भी मिले थे। लेकिन दर्शन इसके बाद भी डरा हुआ था। आत्महत्या के एक दिन पहले उसे बुखार भी आया था।

एक अन्य छात्र ने बताया कि इस घटना के बाद दर्शन आईआईटी छोड़कर अहमदाबाद जाना चाहता था लेकिन उसे डर था कि अरमान उसे वहां भी नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि अरमान के कुछ रिश्तेदार अहमदाबाद में भी रहते हैं। पुलिस के अनुसार अरमान के द्वारा नुकसान पहुंचाए जाने के डर से ही दर्शन ने आत्महत्या कर ली। जांच अधिकारियों के अनुसार उन्हें इस मामले में जातिगत भेदभाव का कोई कारण नहीं मिला है।

अरमान तुमने मुझे मारा है

दर्शन के होस्टल के कमरे से जो सुसाइड नोट बरामद हुआ था उसमें दर्शन ने लिखा था कि अरमान तुमने मुझे मार दिया। पुलिस ने इसे हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के पास भेजा था। वहां इस बात की पुष्टि हुई कि इस नोट की हैंडराइटिंग दर्शन की हैंडराइटिंग से मिलती है। इसके बाद पुलिस ने अरमान इकबाल खत्री से पूछताछ की। दर्शन और अरमान होस्टल के एक ही फ्लोर पर रहते थे। दर्शन ने मार्च में होस्टल की सातवी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। दर्शन और अरमान बैचमेट थे। प्रारंभिक रूप से इस मामले में पोवई पुलिस ने सामान्य सुसाइड का मामला बताते हुए इसे एक्सीडेंटल डेथ बताया था। लेकिन बाद में दर्शन के परिवार वालों ने जातिगत भेदभाव के चलते आत्महत्या का आरोप लगाया इसके बाद मामले में एसआईटी का गठन किया गया।

दर्शन को वेमुला बनाने की तैयारी थी

जिस तरह से हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या को राजनीतिक रूप से भुनाने की कोशिश हुई थी उसी तरह की तैयारी दर्शन सोलंकी के मामले में भी दिखाई दी थी जब कि आईआईटी बांबे के आंबेडकर पेरियार फूले स्टूडेंट सर्किल ने दर्शन की खुदकुशी को “संस्थानिक हत्या” बताया था। आंबेडकर स्टूडेंट्स कलेक्टिव के सदस्य और आईआईटी बॉम्बे से पीएचडी कर रहे स्वप्निल गेदाम ने भी एक मीडिया संस्थान के साथ बातचीत में कहा था कि आईआईटी एक ऐसी जगह है जहां विरोध प्रदर्शन कर पाना और इसे बनाए रखना किसी भी यूनिवर्सिटी से ज़्यादा मुश्किल है। जब हम लोग दर्शन के लिए शोक मार्च कर रहे थे तो बाकी छात्रों की क्लास भी चल रही थी। ऐसा लग रहा था मानो कुछ हुआ ही नहीं. कोई हमारे बीच से चला गया है और कैंपस में देख कर ऐसा लगता है जैसे सब ठीक है।

दर्शन सोलंकी की आत्महत्या के मामले में भेदभाव का आरोप लगाते हुए डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के समर्थकों द्वारा विरोध प्रदर्शन  भी किया गया था। इतना ही नहीं दर्शन के पिता ने भी दर्शन के साथ जातिगत भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा था कि दर्शन ने अपनी को फोन पर बताया था कि उसे वहां लोग पसंद नहीं करते हैं। बाद में उसके पिता ने कहा कि उनके बेटे की मौत की जांच हत्या की तरह होनी चाहिए।

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