अब एबीवीपी ही भाजपा है
वीडी शर्मा की प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के साथ ही मध्य प्रदेश में भाजपा का जनरेशन चेंज शुरू
मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद अब यह तय हो गया है कि केंद्रीय नेतृत्व बदलाव चाहता है और अब एबीवीपी ही भाजपा है। यह इसलिए नहीं कहा जा रहा क्योंकि नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी से आए हैं बल्कि यह इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि 50 की उम्र का नया अध्यक्ष नियुक्त कर केंद्रीय नेतृत्व ने एक तरह से संकेत दे दिया है कि भारतीय जनता पार्टी में नए चेहरे देखने को मिलेंगे। विष्णु दत्त शर्मा जिन्हें वीडी के नाम से जाना जाता है, एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रहे। लेकिन मध्यप्रदेश में ज्यादा समय रहने के चलते वे राकेश सिंह के उलट ऐसे प्रदेश अध्यक्ष हैं जिनके पास मध्य प्रदेश के हर जिले और तहसील में कार्यकर्ता हैं। निश्चित रूप से यह सभी कार्यकर्ता एबीवीपी के छात्र नेता हैं। इसके चलते भी यह माना जा सकता है कि अब एबीवीपी ही भाजपा होगी। इसके अलावा इस नियुक्ति का एक और संकेत है। यह संकेत उन नेताओं के लिए है जिनकी उम्र सातवें दशक में चल रही है यानी कि 60 पार की है। यह नेता वैसे भी 50 की उम्र के प्रदेश अध्यक्ष के साथ कदमताल नहीं कर पाएंगे क्योंकि हो सकता है कि कुछ को यह भी लगे कि अपने से कनिष्ठ प्रदेश अध्यक्ष की टीम में वे कैसे काम करेंगे? लेकिन अब यही सच्चाई है वी डी शर्मा की नियुक्ति के साथ ही अब इस पीढ़ी के नेताओं को यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि भारतीय जनता पार्टी ने बदलाव का मन बना लिया है और अब अगले चुनाव के प्रत्याशियों में इसकी स्पष्ट झलक दिखाई देगी। अब भाजपा मध्यप्रदेश में जनरेशन चेंज के मूड में है। नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर शिवराज सिंह चौहान की पसंद भूपेंद्र सिंह या रामपाल सिंह थे। लेकिन संगठन ने कुछ और ही सोच रखा था। प्रहलाद पटेल से लेकर तो राकेश सिंह को फिर से अवसर दिए जाने तक बहुत चर्चाएं रही। लेकिन प्रदेश भाजपा में जो स्थितियां हैं उसमें वीडी शर्मा से बेहतर नाम नहीं हो सकता था। उनके नाम पर सहमत होना सभी की मजबूरी है क्योंकि वह लंबे समय तक पूर्णकालिक कार्यकर्ता रहे हैं।