पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्यारे उमर शेख को पाकिस्तान ने कश्मीर दिवस मनाने के लिए रिहा किया
कंधार विमान अपहरण कांड में भारत की जेल से हुआ था उमर शेख रिहा
अमेरिका ने कहा कि उमर शेख को सजा दे पाकिस्तान नहीं तो अमेरिका खुद सजा देगा
लाहौर. 2002 में पाकिस्तान में हुए वाॅल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल की गला रेतकर की गई हत्या के मामले में मौत की सजा पाए आतंकी अहमद सईद उमर शेख जिसे की सामान्यत: उमर शेख के नाम से जाना जाता है, को मौत की सजा से रिहा कर दिया है। खास बात ये है कि उमर शेख इंग्लैंड के प्रतिष्ठित लंदन स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स का भी छात्र रहा है।
बताया गया है कि शेख को एक सरकार सेफ हाउस में रखा गया है। वहां पर उससे उसकी पत्नी और बच्चे मिल सकते हैं लेकिन वो वहां से बाहर नहीं निकल सकता है। वह वहां पर सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में रहेगा। बताया गया है कि वो 5 फरवरी को भारत के नियंत्रण वाले कश्मीर की जनता के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मनाए जाने वाला कश्मीर दिवस मनाएगा।
उमर शेख को रिहा किए जाने पर पत्रकार डेनियल पर्ल के परिवार और अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने पाकिस्तान से विशेष रूप से कहा है कि वो शेख को सजा दे अन्यथा उसे अमेरिका स्वयं सजा देगा।
कौन है उमर शेख
उमर शेख को अहमद सईद उमर शेख या मुस्तफा मुहम्मद अहमद के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय सुरक्षा बलों ने उसे 1994 में कश्मीर में अमेरिकी और ब्रिटिश पर्यटकों के अपहरण केे मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद सुरक्षा को देखते हुए उसे थोड़े-थोड़े समय के लिए अलग-अलग जेलों में रखा गया था।
जेल में उसने हिटलर और स्टालिन की आत्मकथा पढ़ने के लिए मांगी थीं। उसने मेरठ जेल में उप जेलर की पिटाई भी की थी। शेख 1999 में कंधार विमान अपहरण कांड में हवाई जहाज के छोड़ने के बदले में रिहा किए गए तीन आंतकियों में शामिल था।
अमेरिका के ट्वीन टॉवर पर हुए हमले में यह भी सामने आया था कि इसमें शामिल आतंकी मोहम्मद अता के खाते में 2001 में उमर शेख के खाते से एख लाख डॉलर जमा हुए थे। अमेरिका की नाराजगी शेख से इसलिए भी ज्यादा है।
प्रणव मुखर्जी बनकर जरदारी को किया था हमले का फोन
2008 मुंबई पर हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी राष्ट्रपति असिफ अली जरदारी के पास भारत के तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी का फोन गया था। जिसमें कि भारत की ओर से पाकिस्तान पर हमला किए जाने की धमकी दी गई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने अपनी सेना तैयार कर ली थी और हथियारों से लेस पाकिस्तानी लडाकू विमान रावलपिंडी और इस्लामाबाद के ऊपर चक्कर लगाने लगे थे।
इसी तरह अमेरिकी विदेश सचिव कोंडोलिजी राइस से भी पाकिस्तानी राष्ट्रपति जरदारी बनकर फोन पर बात करने की कोशिश की गई थी। पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन के अनुसार ये नकली कॉल उमर शेख ने ही किए थे।
भारत ने कहा न्याय का मजाक
शेख को बरी किए जाने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि आतंकवाद के जघन्य कृत्य में उसे दोषी नहीं ठहराया जाना न्याय का मजाक है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि यह मामला आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान की नीयत को दिखाता है। उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले भी इसका उल्लेख किया था कि आतंकवाद के आरोपियों के संदर्भ में पाकिस्तान में दोषसिद्धि की दर बहुत कम है। यह मामला आतंकवाद के मोर्चे पर कदम उठाने को लेकर पाकिस्तान की नीयत को सही मायनों में दर्शाता है।’
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