27th July 2024

पुरुषों के शुक्राणुओं को नष्ट कर रहा wi-fi

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जापानी वैज्ञानिक की रिसर्च में आया सामने

बढ़ी 5जी के स्वास्थ्य पर असर की चिंता

रिसर्च

5जी के मनुष्यों पर प्रभाव की चर्चा के बीच जापान के वैज्ञानिकों का वाई-फाई के मनुष्य के प्रभाव को लेकर एक शोध सामने आया है। इसमें शोध के परिणामों के आधार पर बताया गया है कि वाइ-फाइ से पुरूषों के शुक्राणु निष्क्रिय होते हैं । यह शोध जापानी वैज्ञानिक कुमिको नकाता की टीम ने किया है।

इस शोध में कहा गया है कि वाईफाई राउटर से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन पैदा होता है। इस रेडिएशन का पुरुषों के शुक्राणुओं पर क्या असर होता है इसका अध्ययन किया गया है। इसके परिणाम चिंताजनक हैं।

 तीन तरह से किया गया शोध

कुमिको नकाता की टीम ने पुरुषों के शुक्राणुओं के नमूनों को तीन अलग-अलग स्थानों पर जांच के लिए रखा। इनमें से एक वाईफाई राउटर वाला स्थान था दूसरे स्थान पर वाईफाई को ढक दिया गया था और तीसरा स्थान वाईफाई की पहुंच से दूर था। सबसे पहले 1 घंटे तक शुक्राणुओं को इन तीन अलग-अलग स्थानों पर रखा गया और इसके बाद इनकी गतिशीलता नापी गई।

जिस स्थान पर वाईफाई को ढक कर रखा गया था, वहां पर शुक्राणुओं की गतिशीलता 44.9 प्रतिशत थी तो वाईफाई वाले क्षेत्र में रखे हुए शुक्राणुओं की गतिशीलता 26.4% नापी गयी। वाईफाई की पहुंच से दूर शुक्राणुओं के जिस नमूने को रखा गया था उनकी गतिशीलता का प्रतिशत 53.3 आया। इस तरह से कुमिको नकाता की टीम ने केवल 1 घंटे तक शुक्राणुओं को वाईफाई, वाईफाई ढक कर रखे गए क्षेत्र तथा वाईफाई से दूर वाले क्षेत्र में रखकर उसका अध्ययन का निष्कर्ष निकाला कि वाईफाई से शुक्राणुओं की गतिशीलता की दर कम होती है। 

वाईफाई वाले क्षेत्र में मरने लगे शुक्राणु

इसके बाद शुक्राणुओं को 24 घंटे के लिए इन क्षेत्रों में छोड़ा गया। वाईफाई से दूर जिन शुक्राणुओं को रखा गया था, उनके नष्ट होने का दर 8.4% थी। जिन्हें वाईफाई क्षेत्र में रखा गया था वहां उनके नष्ट होने की दर 23.3% थी और जहां पर वाईफाई को ढक कर रखा गया था उस क्षेत्र में इनके नष्ट होने की दर 18.2% रही। इस तरह से वाईफाई राउटर वाले क्षेत्र में इनका नष्ट होने की दर सर्वाधिक रही है जोकि चिंता का कारण है। 

5G तो पूरा इलेक्ट्रिक मैग्नेटिक है

इस प्रयोग के निष्कर्षों को लेकर 5 इंची सिग्नल को बारे में चिंता जताई जा रही है क्योंकि वाईफाई राउटर से तो कुछ मात्रा में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन पैदा होता है लेकिन 5G तो पूरा ही इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पर चलने वाला सिग्नल है ऐसे में चिंता जताई जा रही है कि 5G नेटवर्क के आ जाने के बाद इसका मनुष्य पर क्या असर पड़ेगा?

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