चार साल में 170 से ज्यादा विधायकों ने छोड़ी कांग्रेस

नई दिल्ली
हर चुनाव के पहले विधायकों का कांग्रेस छोडऩा अब एक रस्म बनता जा रहा है। हालांकि भाजपा के सत्ता में आने के बाद तो अब इसने एक राजनीतिक परंपरा का रूप ले लिया है। बंगाल में भी चुनाव के पहले बहुत से तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया लेकिन इस मामले में कांग्रेस की स्थिति बहुत खराब है। 2016 से 2020 के बीच 170 कांग्रेस विधायकों ने पार्टी छोड़ी है।
बड़े नामों की बात करें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया, पीसी चाको, से लेकर चौधरी बीरेंद्र सिंह, रीता बहुगुणा जोशी और सतपाल महाराज जैसे नाम इसमें शामिल हैं। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ समय में कांग्रेस के 170 से अधिक विधायकों ने चुनाव के दौरान पार्टी छोड़ दी।
फिर से चुनाव लडऩे के लिए भाजपा में गए सर्वाधिक नेता
साल 2016 से 2020 के बीच 170 से अधिक कांग्रेसी विधायकों ने पार्टी छोड़ दी। पोल राइट्स ग्रुप एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर)के अनुसार इस दौरान हुए चुनावों के बीच कांग्रेस के 170 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी। इस बीच केवल 18 बीजेपी विधायकों ने चुनाव लडऩे के लिए पाला बदला।
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 2016-20 के बीच 405 फिर से चुनाव लडऩे वाले विधायकों में से 182 विधायकों ने बीजेपी, 38 कांग्रेस और 25 टीआरएस तेलंगाना राष्ट्र समिति में शामिल हुए।
7 कांग्रेस के राज्यसभा सांसदों ने भी छोड़ी पार्टी
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान पांच लोकसभा सदस्यों ने अन्य दलों में शामिल होने के लिए बीजेपी छोड़ दी। वहीं दूसरी ओर 2016 से 20 के बीच सात राज्यसभा सांसदों ने चुनाव लडऩे के लिए कांग्रेस छोड़ दी। इस दौरान कुल 16 राज्यसभा सांसदों में से 10 भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
एडीआर रिपोर्ट के अनुसार गोवा, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, मणिपुर की सरकार विधायकों के दल- बदल के कारण गिरी।