स्टॉफ को कहा नौकरी करना है तो कोरोना वैक्सीन न लगवाएं
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अमेरिका के स्कूल में कोविड वैक्सीन को अपने यहां बैन किया, व्हाईट हॉउस तक पहुंचा मामला
मियामी.
अपने स्टूडेंट्स से तीस हजार डॉलर यानी लगभग 22 लाख रुपए फीस लेने वाले फ्लोरिडा के स्कूल ने अपने यहां काम करने वाले शिक्षकों और स्टाफ को कोविड वैक्सीन न लगवाने के निर्देश दिए हैं। यह स्कूल फ्लोरिडा के मियामी शहर में है और इसका नाम केxटनर एकाडेमी है।
न्यूज चैनल सीबीएस4 की रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूल ने वैक्सीन के डिबंक कांस्पीरेसी थ्योरी के आधार पर एसा निर्णय लिया है। स्कूल ने इस तरह के ई-मेल अपने स्टॉफ को भेजे हैं जिसमें कहा गया है कि वे वैक्सीन न लगवाएं और वैक्सीन लगवाने की स्थिति में उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा। स्कूल ने स्टॉफ को वैक्सीन लगवाने के लिए साल के अंत तक इंतजार करने को कहा है।
स्कूल के संचालक लीला और डेविड केंटनर हैं। इनके मियामी में दो स्कूल हैं। यह मामला व्हाईट हॉउस तक पहुंच गया है। लीला केंटनर ने अपने स्टॉफ के लिए एक वीडियो मैसेज भी पोस्ट किया था। इसमें उन्होेंने अपनी डिबंक वैक्सीनेशन कांस्पीरेसी थ्योरी को आगे बढ़ाते हुए कहा कि आप वैक्सीन न लगवाएं यदि आप वैक्सीन लगवाते हैं तो मैं आपको अपने स्कूल में नहीं देेखना चाहूंगी।
लीला केंटनर ने कहा कि वे किसी को वैक्सीन लगवाने से नहीं रोक सकती लेकिन रेत पर एक लाइन खींच सकती हैं। यदि आपको वैक्सीन लगवाना है को फिर ये स्कूल आपके लिए नहीं है।
ये हैं लीला केंटनर की वैक्सीनेशन कांस्पीरेसी थ्योरी
लीला केंटनर का कहना है कि वैक्सीन लगवाने से होने वाले नुकसान की जो थ्योरी है वो बड़ी विचित्र है। उनका कहना है कि उनकी जानकारी में ऐसा बहुत से मामले हैं जिनमें वैक्सानाईज्ड किए हुए पुरषों के पास बैठने से ही महिलाओं को माहवारी शुरू हो गई। केंटनर का कहना है कि उन्हें अपने स्कूल के बच्चों की सुरक्षा के लिए जो भी करना पड़ेगा वो करेंगी।
लीला केंटनर का कहना कि किसी को इसका कारण नहीं पता है लेकिन इसमें कुछ ऐसा है कि जो व्यक्ति वैक्सीन लगवाता है उसके शरीर से कुछ वे दूसरे व्यक्ति को ट्रांसमिट करते हैं। लीला ने इस बारे में अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर फाइजर के वैक्सीन के ट्रायल डॉक्यूमेंट भी पोस्ट किए हैं।
ऐसा संभव नहीं
न्यूज एंजेसी रायटर्स ने भी इस मामले के फैक्ट चेक के लिए इस मामले में वैक्सीन और वायरोलॉजी विशेषज्ञों से बात की है। उन्होंने इस तरह के किसी भी वैक्सीन होने की संभावना से इंकार किया है जो कि दूसरे को कोई बीमारी फैला सकता हो। यह मामला अमेरिका की सुर्खियों में है और व्हाईट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी ने भी केंटनर के दावे को बकवास बताया है और कहा कि ये साबित हो चुका है कि वैक्सीन बच्चों, बड़ों और यहां तक कि शिक्षकों के लिए भी सुरक्षित है।