7th December 2024

शॉर्ट फिल्म के बहाने अश्लील फिल्म बनाने वाला रैकेट पकड़ा गया, पुरानी एक्ट्रेस भी है गिरोह में शामिल

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The #Metoo movement is giving rape survivors a voice but the crime remains under-reported, especially when it occurs in a relationship.

स्ट्रगलर लड़कियों से कराते थे काम, और पोर्न साइट को बेचते थे फिल्म

मुंबई.

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अश्लील फिल्में बनाकर चलाने वाले एक गिरोह को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है। खास बात ये है कि इस गिरोह में राया खान उर्फ यास्मीन भी है जो कि खुद अभिनेत्री रह चुकी है। उसके सहित गिरोह के पांच सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से 36 लाख रुपए नकद भी बरामद हुए हैं।

मुुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच को इस गिरोह की जानकारी मिली थी। इसके बाद पुलिस ने इन लोगों के पकड़नेे के लिए एक ट्रेप बनाया था। इसके बाद गिरोह के पांच सदस्य पुलिस की गिरफ्त में आए हैं। इनमें दो ऐक्टर, एक कैमरामैन, एक कास्टिंग डायरेक्टर और एक प्रड्यूसर शामिल हैं।

ऐसे कराते थे काम

इस गिरोह के लिए स्ट्रगलर लड़कियों को फंसाने का काम यास्मीन करती थी। पुलिस ने बताया कि वो स्वयं अभिनेत्री रह चुकी है। उसके कुछ फिल्मों और धारावाहिकों में छोटे-मोटे रोल किए हैं। स्ट्रगलर लड़कियों को फंसाने का काम उसके जिम्मे था। वो इन लड़कियों से फोन पर संपर्क करती थी और उन्हें शॉर्ट फिल्म में काम करने के लिए राजी करती थी। इन लड़कियों को जो स्क्रिप्ट सुनाई जाती थी उसमें कहीं भी अश्लील दृश्य नहीं होते थे। लड़कियों को कहा जाता था कि 20 मिनट की फिल्म में करने के लिए उन्हें तीस हजार रुपए दिए जाएंगे।

स्ट्रगलर लड़कियां इसके चलते फिल्म में काम करने को तैयार हो जाती थीँ। इसके बाद उसने एक एग्रीमेंट साइन कराया जाता था। ज्यादातर लड़कियांं इस एग्रीमेंट को पढ़े बिना ही साइन कर देती थीं। इसके बाद फिल्म की आधी शूटिंग हो जाने के बाद इन लड़कियों को न्यूड सीन करने को कहा जाता था। लड़कियों के मना करने पर उन्हें एग्रीमेंट के आधार पर कानूनी कार्रवाई का डर दिखाया जाता था। इसके चलते लड़कियां डर के मारे न्यूड सीन करने को तैयार हो जाती थीं।

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बेचते थे

देश में ओटीटी प्लेटफॉर्म को मिली छूट पर बहस चल रही है। कईं ओटीटी प्लेटफॉर्म इस तरह के भी चल रहे हैं जो कि अश्लील फिल्मे दिखाते हैं। ये गिरोह ने प्लेटफॉर्म से मोटी रकम लेकर ये फिल्म इन्हें बेच देते थे। इस तरह से गिरोह ने मोटी कमाई की है। इस गिरोह को पकड़ने वाली टीम में सीनियर इंस्पेक्टर केदारी पवार, धीरज कोली और लक्ष्मीकांत सालुंके शामिल थे।

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