आज लगेगा कोरोना के मरीज को पहला वैक्सीन
व्यावसायिक उत्पादन की भी तैयारी पूरी
दुनियाभर में करोड़ों की महामारी झेल रहे देश कोरोना का वैक्सीन बनने का रास्ता देख रहे हैं। अंततः वह दिन आ गया जब गुरुवार को कोरोना से पीड़ित व्यक्ति को पहली बार वैक्सीन लगाया जाएगा। यह वैक्सीन ट्रायल के तौर पर लगाया जा रहा है। इसके सफल होने पर इसे जनता के लिए जारी कर दिया जाएगा। हालांकि इसके पहले ही वैक्सीन के व्यवसायिक उत्पादन की तैयारियां कर ली गई हैं। ऐसी स्थिति में इसके असफल होने पर शोधकर्ताओं को भारी आर्थिक हानि भी हो सकती है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट ने इस वैक्सीन को तैयार किया है और जानवरों पर इसका परीक्षण सफल रहा है। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने इस वैक्सीन के मानव ट्रायल की तैयारी की है। इसी सिलसिले में गुरुवार को पहली बार कोरोना के मरीज को ट्रायल के तौर पर या वैक्सीन लगाया जाएगा। मरीज के बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। इसके पहले ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मानव ट्रायल के लिए 30 मार्च से मनुष्य के पंजीयन प्रारंभ किए थे। यह मरीज इन्हीं में से है।
इस वैक्सीन को लेकर ब्रिटिश सरकार भी बहुत उत्साहित है और उसने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी तथा जेनर इंस्टिट्यूट को 20 मिलियन पाउंड की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की है।
इस वैक्सीन प्रोजेक्ट के मुख्य शोधकर्ता प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दी गई 20 मिलियन पाउंड की राशि का इस्तेमाल इस वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल और विकास कार्यक्रम में किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि वैक्सीन का ट्रायल सफल रहने पर इसके एक मिलियन डोज सितंबर तक तैयार कर लिए जाएंगे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा ब्रिटेन के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार सर पैट्रिक वैलेंस ने कहा कि एक सुरक्षित वैक्सीन को तैयार करने में अब भी 12 से 18 महीने का समय लगेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की टीम इस गर्मियों के अंत तक वैक्सीन का काम पूरा कर लेगी।
ट्रायल के पहले ही उत्पादन की तैयारी
अभी कोरोना के व्यक्ति इनका ह्यूमन ट्रायल बाकी है लेकिन फिर भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के मुख्य शोधकर्ता प्रोफेसर पोलार्ड ने कहा कि हमने इस वैक्सीन के व्यवसायिक उत्पादन की तैयारी कर ली है यदि इसका परीक्षण सफल नहीं रहा तो इसके उत्पादन के लिए लगाई गई राशि का नुकसान होगा।