25th April 2024

मसूद की मूर्खता और कमलनाथ का हिन्दूत्व..!

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गौरव व्यास, विधि छात्र , Student Reporter @Goonj

मध्य प्रदेश के सत्ता संघर्ष में 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए वोट डाले जा चुके हैं। इन सीटों के लिए हुए चुनाव का प्रचार कटुता के नए-नए आयाम लिए हुए था। जिसमें भाजपा ने गरीब गुरबा और आइटम को जमकर भुनाया लेकिन कांग्रेस और कमलनाथ गच्चा खा गए। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही कमलनाथ स्वयं को हिंदूवादी कांग्रेस नेता के रूप में प्रोजेक्ट करते आए हैं। मंदिरों में जाना और हनुमान चालीसा पढ़ना इस तरह के आयोजन उनकी हिंदूवादी छवि को गढ़ने के लिए किए गए।

इतना ही नहीं उनके प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए राम मंदिर के भूमिपूजन पर भी कांग्रेस कार्यालय पर जश्न मनाया गया लेकिन आरिफ मसूद नाम के सिरफिरे ने सब गुड गोबर कर दिया। इस नेता ने ना केवल अपने राजनीतिक भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा लिया बल्कि कमलनाथ के हिंदुत्व की कलाई भी खोलकर रख दी। खुलेआम इकबाल मैदान पर फ्रांस के विरोध में प्रदर्शन हुए। विधायक प्रायोजित इस प्रदर्शन के बाद भी न तो कमलनाथ की आंख खुली और ना कांग्रेस की। 

यह ठीक है कि सत्ता के लिए एक-एक विधायक जरूरी है लेकिन जो आरिफ मसूद ने किया उस आधार पर कांग्रेस को प्रथम दृष्टया उन्हें निलंबित तो करना ही चाहिए था। वैसे तो यह कारनामा निष्कासन से कम का नहीं है क्योंकि पार्टी को इसकी कीमत न केवल विधानसभा उप चुनाव में चुकानी पड़ेगी बल्कि इसका असर पार्टी बिहार की विधानसभा सीटों पर भी महसूस करेगी। 

क्या यह ठीक नहीं होता कि मसूद को इस प्रदर्शन के बाद पार्टी से निष्कासित किया जाता ताकि कमलनाथ के हिंदुत्व को बल मिलता? उनकी छवि एक ऐसे नेता की बनती जो कि राष्ट्रवाद के लिए अपने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी ऐस समय खड़ा है जबकि पार्टी से 26 ‌‌‌विधायक जा चुके हैं।

लेकिन कांग्रेस और कमलनाथ मौका चूक गए। उन्होंने चुनाव के अंतिम दौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर यह कहने का अवसर दे दिया कि मतदान किसी के भी पक्ष में करें लेकिन उन लोगों के पक्ष में ना करें जो कि हिंदुओं के विरोध में खड़े होते हैं और जो मुस्लिम कट्‌टरता के साथ खड़े होते हैं।

कहा जा रहा है कि उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है लेकिन मसूद की मूर्खता के चलते कांग्रेस कम से कम आधा दर्जन सीटों से हाथ धो देगी। बिहार का हिसाब तो बिहार वाले ही जाने लेकिन मसूद को उनकी मूर्खता पर नोटिस तक ना देना कमलनाथ के हिंदुत्व की कलई खोलने के लिए काफी है। 

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